क्या आपके बच्चें में है ऐसी आदतें ?
हर माता -पिता, बुजुर्ग अपने बच्चों को ये आदतें अपनाने को बोलते हैं लेकिन हम बहुत बार बच्चो की आदतों को नजर अंदाज कर देते है सही आदतों को ज्ञान करने में लापरवाही बरतते हैं। जो आगे चलकर उन्हें बहुत नुकसान पहुँचाती हैं
आइये बात करते हैं है कुछ ऐसी आदतों के बारे में जो हर बच्चें के अंदर होनी चाहिए या हर बच्चें को सिखानी चाहिये.
सुबह जल्दी उठने की आदत -
बच्चों में बचपन से ही जल्दी उठने की आदत डाल दी जाये तो वो ताउम्र बनी रहती हैं। जल्दी उठने से हमारा दिमाग तनाव मुक्त होता है और दिन भर ताजगी बनी रहती हैं।
जल्दी उठ कर व्यायाम करो -
व्यायाम करने से हमारे शरीर के हर पार्ट्स एक्टिव रहता हैं ब्लड सर्कुलेशन प्रॉपर तरीके से होता हैं।
बचपन में ही व्यायाम करने से बच्चें अपने बॉडी पार्ट्स को हर एक साइड और अच्छे से मूव करना सीख सकते हैं।
जमीन पर बैठ कर खाना -
हमारे दादा के समय में सभी लोग जमीन पर बैठ खाते थे. ये स्वास्थ्य के लिए ज्यादा फायदेमंद रहता हैं, जमीन पर बैठ कर खाने से हमारे शरीर का पोस्चर ऐसा होता हैं जिससे हमारी पाचन क्रिया सही रहती हैं। जमीन पर बैठ कर खाने से हमारे घुटने और कोहनिया मजबूत होते हैं रक्त संचार सुचारु रहता हैं बल्कि ये बजन काम करने में सहायक होता हैं।
खाने के बीच में पानी न पिये -
बच्चो की आदत होती हैं की वो खाना खाते समय बीच बीच में पानी पीते हैं। इससे पाचन बगड़ती हैं और पेट को खाना पचाने में समय लगता हैं, इससे पेट में अपच होना गैस बनना और ब्लड शुगर बाद जानें जैसी काफी समस्या होती हैं।
सूर्यास्त के समय भोजन करें -
आज कल की लाइफ स्टाइल में भोजन काफी देर से करते हैं जो बिल्कुल सही नहीं हैं। दरसल आयुर्वेद की माने रात को खाना खाने का सही समय सूर्यास्त के समय ही हैं। इससे शरीर और प्राकृतिक चक्र के बीच में तालमेल बना रहता हैं, जिससे सोने से पहले खाना पच जाता हैं और नींद भी अच्छी आती हैं। सूर्यास्त के समय भोजन करने से मोटापे और अपच जैसी समस्याये नहीं रहती हैं और आपका शरीर तरोताजा रहता हैं।
गरम पानी से ना धोये बाल -
कभी भी बालों को गरम पानी से नहीं धोना चाहिये यही आदत बच्चों को भी सिखानी चाहिये। गरम पानी धोने से सर की त्वचा में सूखापन आता हैं और त्वचा का hp भी बढ़ता हैं बाल कमजोर भी होते हैं और झड़ने लगते हैं।
खाना खाने से पहले और खाना खाने के बाद हाथ धोना -
दिन भर बच्चे कुछ ऐसा काम करे ही रहते है जिससे उनके हाथ बहुत गंदे हो जाते हैं ऐसे में बच्चों को जब वह खेल कर या बहार से जब भी आये तो बच्चों को हाथ पैर धोने के लिए जरूर कहना चाहिये।
बच्चों को जब भी खाना दे उससे पहले उन्हें हाथ धोने के लिए अवश्य कहें
इसके साथ साथ बच्चों को खाना खाने के बाद कुल्ला करने को भी कहें जिससे दांतो में कैविटी नहीं होगी। रोज़ाना ये आदत अपनाने से डायरिया, भोजन से जुड़े इन्फेक्शन हैप्पी टायटिस जैसी समस्या नहीं होती।
भगवान का ध्यान करें -
बच्चों में ये आदत होनी ही चाहिये, इससे बच्चों में अध्यात्मिकता का ज्ञान बढ़ेगा। मन मस्तिष्क भी शांत रहेगा एकाग्रता बनती हैं पॉजिटिव एनर्जी आती हैं।
बड़ो का सम्मान करना -
अगर आप चाहते हैं बच्चें आपकी और सबकी नजरो में अच्छे बने तो बच्चों को ये आदत बहुत जरुरी हैं। कहा जाता है की अगर आप इज्जत पाना चाहते हो तो इज्जत देना सीखों इस लिये हमे खुद दुसरो की रेस्पेक्ट करनी चाहिए और ये आदत बच्चों को भी सिखानी चाहिये .
हेल्प करना -
दुसरो की हेल्प करना अच्छी आदत होती हैं। जब भी कभी किसी को हेल्प की जरुरत हो तो उसकी मदद जरूर करनी चाहिये,
मदद करने से हमारी इम्पोर्टेंस बढ़ती लोगो में और एक अच्छे इंसान की निशानी भी होती हैं।
सही गलत में फर्क करना -
हमें हमारे बच्चों को ये बात सिखानी बहुत जरुरी होता है की उन्हें पता हो की कोण से चीजें गलत है और कोन सी चीजें सही हैं। ताकि अगर उन्हें कभी ये फैसला लेना पड़े तो उनको पता होगा की जो चीजे हम कर रहे हैं बो सही है या गलत।
थैंक्यू और सॉरी कहना -
ये शव्द बैसे देखने में छोटे है लेकिन जब कहते है तो इनकी वैल्यू बाद जाती हैं। बच्चों को ये बहुत स्पेशल पर्सन फील कराएगी, बच्चों को बतायें की मदद करे तो उनको थैंक्यू जरूर बोलना चाहिये और जब कभी उनकी गलती हो तो उस गलती को मानले और सॉरी कह देना चाहिये।
समय की कद्र करना -
एक चीज ऐसे हैं जो किसी के लिये भी नहीं रुकती बाह हैं समय एक बार जो समय निकल गया दोबारा नहीं आयेगा। बच्चों को समय के साथ चलना सिखाओ उन्हें ये बताओं की जो ऊर्जा हमें आज मिली हैं उसे बेबजह बर्वाद नहीं करनी चाहिये तो आज का काम आज ही करना चाहिये। कल फिर नयी एनर्जी मिलेगी। हम आज के समय और आज की एनर्जी सिर्फ आज तक ही रहेगी इसको हम कल के नहीं रख सकतें, समय की क़द्र करो।
बड़ो की बात मानना -
बच्चों को हमेशा बड़ो की बात मानना चाहिये क्युकी बड़े हमेशा बच्चों की भलाई हैं जो भी करते हैं सोच समझ कर ही करते हैं उन्हें लगता हैं हमारे बच्चें के लिए एक डैम सही होगा इसलिए वो बच्चों को समझते रहते हैं। अगर बच्चों को को लगता हैं कि ये ऐसा क्यों कर रहे हैं तो एक बार पूछना जरूर चाहिये और पेरेंट्स को बताना भी चाहिये।
अगर आपके बच्चें में ऐसी अच्छी आदतें होगी तो आपका बच्चा लाइफ में हर एक फील्ड में रेस्पेक्ट और सफल इंसान बनेगा जिसका क्रेडिट उसके माता-पिता हो ही जायेगा।
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